उस रजिस्टर में उन खिलाड़ियों की जन्मतिथि, वजन, वैवाहिक स्थिति, करियर सहित उनके पूरे जीवन के बारे में सारी जानकारी दी गई थी। खोजकर्ताओं ने हर खिलाड़ी को उनकी अलग-अलग तरह की मुस्कान (कोई मुस्कान नहीं, हल्की सी मुस्कान जिसमें मुंह के कुछ मसल्स ही क्रिया करते हैं और पूरी मुस्कान जिसमें दांत दिखते हैं तथा गाल और आंखों के आसपास के मसल्स काम करते हैं) के आधार पर अंक दिए हैं। खोजकर्ताओं ने इन तस्वीरों की हरेक खिलाड़ी के जीवन से तुलना की। इस खोज में पाया गया कि जो खिलाड़ी बिल्कुल नहीं मस्कुराते थे उनकी औसत उम्र 72.9 थी।
वहीं छोटी मुस्कान वाले खिलाड़ियों की औसत उम्र 75 वर्ष थी। इनके अलावा जो खिलाड़ी खुल कर मुस्कान बिखेरते थे उनकी औसत आयु 79.9 रही जोकि न मुस्कुराने वालों की तुलना में सात वर्ष ज्यादा थी। अध्ययन से यह भी पता चला कि झूठी मुस्कान भी सेहत को वैसा फायदा नहीं पहुंचा सकी जो कि असली मुस्कान ने पहुंचाया था।
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