स्वीडन के एक विद्वान ने दावा किया है कि संभवत: यीशु को सूली पर नहीं चढ़ाया गया था। इस विद्वान के मुताबिक ऐसे कोई सबूत नहीं है जिनसे साबित हो कि रोमनों ने 2,000 वर्ष पहले बंदियों को सूली पर चढ़ाया था। स्वीडन की वेबसाइट ‘द लोकल’ के मुताबिक यह दावा गुटेनबर्ग यूनिवर्सिटी के गुन्नार सेम्युअलसन ने किया है।
गुन्नार के मुताबिक, यीशु को सूली पर चढ़ाने की बात ईसाई परंपराओं तथा कलात्मक चित्रों पर आधारित है, किसी प्राचीन ग्रंथ पर नहीं। उनकी हाल ही में इस संबंध में डॉक्टरेट की एक थीसिस प्रकाशित हुई है। गुन्नार की 400 पृष्ठों की यह थीसिस मूल ग्रंथों के गहन अध्ययन पर आधारित है।
ईसाई धर्म में श्रद्धा रखने वाले गुन्नार ने दावा किया कि बाइबिल की गलत व्याख्या की गई है। उन्होंने एक अखबार को बताया कि प्राचीन यूनानी, लैटिन और हिब्रू साहित्य में सजाएं निलंबित करने का जिक्र मिलता है। लेकिन किसी में भी सूली पर चढ़ाने की बात नहीं है।
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