अच्छी बारिश के लिए इंद्र देवता को खुश करने के लिए उडीसा में मेढक-मेढकी की शादी कराई गई। केन्द्रपाडा के तिकानपुर गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों के किसानों ने इंद्र देवता को खुश करने के लिए मंगलवार को मेढक-मेढकी की शादी रचाई। यह शादी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार की गई। शादी को पूरे विधि-विधान से संपन्न कराने के लिए गांव वाले वर पक्ष और वधू पक्ष में बंट गए। मेढक-मेढकी को मंदिर में लाया गया और फिर तिकानपुर के एक बडे मैदान में सैकडों गांव वालों की मौजूदगी में मेढक-मेढकी दाम्पत्य सूत्र में बंध गए। गांव के एक अध्यापक सुरेश चंद्र रोउत (65) ने बताया कि उडिया लोककथा के अनुसार अच्छी बारिश के लिए मेढक-मेढकी की शादी की जाती थी। इस शादी के पहले भी पंडित से सलाह ली गई थी। गौरतलब है कि बिहार व देश के अन्य हिस्सों में भी अच्छी बारिश के लिए मेढक-मेढकी का विवाह किया जाता है। कई बार तो यह आयोजन इतना आलीशान होता है कि किसी सामान्य विवाह की चमक-दमक को भी पीछे छोड देता है। यह समारोह तीन-चार दिन चलता है और इस दौरान विवाह के सभी रिवाजों को निभाया जाता है। निमंत्रण पत्र छपवाकर बांटने से लेकर विदाई तक सभी रस्में पूरी शिद्दत से निभाई जाती हैं। हालांकि विदाई के बाद मेढक-मेढकी को तालाब में छोड दिया जाता है। | |
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Wednesday, June 30, 2010
अच्छी बारिश के लिए मेढकों की शादी
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