डॉलर, यूरो आदि की तर्ज पर रुपए का जो संकेत सरकार को पंसद आया है, उसे आईआईटी से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले डी. उदय कुमार ने डिजाइन किया है। पांच सदस्यों के एक पैनल ने इसे कई डिजाइनों में से चुना था। यह कुमार के लिए दोहरी खुशी की बात है, क्योंकि आज ही आईआईटी गुवाहाटी में बतौर फैकल्टी उनका पहला दिन है।
कुमार ने जो डिजाइन (देखें तस्वीर) तैयार किया है वह देवनागरी ‘र’ और रोमन के ‘आर’ का मिलाजुला रूप दिखता है। साथ ही, उन्होंने तिरंगा, अशोक च्रक्र जैसे भारतीय प्रतीकों को सांकेतिक रूप में शामिल करने की भी कोशिश की है।
रुपए का सिंबल डिजाइन करने के लिए वित्त मंत्रालय ने गत 5 मार्च को एक प्रतियोगिता आयोजित की थी। रुपए का डिजाइन तैयार करने के लिए कुमार को 2.5 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
डिजाइन क्या
एक अधिकारी का कहना है कि कुमार का कंसेप्ट तीन रंगों वाले भारतीय ध्वज और ‘अंकगणितीय समानता’ पर आधारित है। इसमें दो समानांतर लाइनों के बीच का सफेद रंग अशोक चक्र के साथ भारतीय ध्वज, तथा दो बोल्ड समानांतर रेखाएं अर्थव्यवस्था में संतुलन को दर्शाती हैं।
सिंबल क्यों
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में कहा था कि हम भारतीय रुपए को ऐसा सिंबल देना चाहते हैं, जो भारतीय प्रकृति और संस्कृति से मेल खाता हो। रुपए का सिंबल तय करने का मुख्य मकसद इसे डॉलर, यूरो जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा की तरह पहचान दिलाना है।
Friday, July 16, 2010
आईआईटी प्रोफेसर ने दी रुपए को नई पहचान
भारतीय मुद्रा रुपए को नई पहचान मिल गई है। सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने आज इसकी घोषणा की। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद आज कैबिनेट ने भी रुपए के नए संकेत पर अपनी मुहर लगा दी।
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