Monday, July 12, 2010

सामिना मिना एह एह वाका वाका..शकीरा ने बांधा समां

सामिना मिना एह एह वाका वाका एह एह सामिना वाका वाका गीत की इन लाइनों पर शकीरा के साथ दर्शक भी थिरके। समापन समारोह में शकीरा के वाका-वाका नृत्य ने एक बार फिर लोगों को मोहित किया। फीफा वर्ल्डकप २क्१क् के इस आधिकारिक गीत को द. अफ्रीका के फ्रेशलीग्राउंड बैंड के सहयोग से तैयार किया गया। अफ्रीकी लोगों के अनुसार वाका वाका का अर्थ होता है ‘आग की एक लौ, जो तेज और तेज हो रही है’। समारोह के अंत में अगले वल्र्ड कप (2014) में ब्राजील में मिलने की कामना की गई। एक अन्य यादगार प्रस्तुति में लेजर रेज के जरिए फुटबॉल कौशल का शानदार प्रदर्शन किया गया।

अलविदा, ब्राजील में मिलेंगे

समापन समारोह बेहद आकर्षक था। शकीरा के वाका-वाका नृत्य ने एक बार फिर लोगों को मोहित किया। एक अन्य यादगार प्रस्तुति में लेजर किरणों के जरिए फुटबॉल कौशल का शानदार प्रदर्शन किया गया। समारोह के अंत में अगले वल्र्डकप (2014) में ब्राजील में मिलने की कामना की गई।

फीफा विश्वकप के हीरो पंडित पॉल

दक्षिण अफ्रीका में संपन्न हुए 19वें फीफा विश्व कप की शुरूआत में माना जा रहा था वायने रूनी, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनेल मेस्सी और काका जैसे दिग्गज फुटबालर इस महाकुंभ के महानायक बनकर उभरेंगे लेकिन आखिर में कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि सुदूर जर्मनी के ओबेरहासेन शहर में एक छोटे से टैंक में कैद आठ पैरों वाला आक्टोपस पॉल सब पर भारी पड़ गया ।

विश्व कप में अपनी सटीक भविष्यवाणियों के कारण पाल बाबा, संत पाल और पंडित पाल बने आक्टोपस ने यूं तो लीग चरण से ही जर्मनी के मैचों के विजेता के बारे में बताना शुरू कर दिया था लेकिन उन्हें नाकआउट चरण में अधिक लोकप्रियता मिली। सेमीफाइनल में स्पेन की जर्मनी पर जीत की भविष्यवाणी सही होने पर तो पंडित पाल ने लोकप्रियता की सभी सीमाएं लांघ दी।

आलम यह था कि पॉल बाबा जब फाइनल की भविष्यवाणी करने के लिये तैयार हुए तो दुनिया भर से लगभग 125 से अधिक पत्रकार उसकी कवरेज के लिये वहां मौजूद थे । इनमें स्पेन, हालैंड और जर्मनी ही नहीं बल्कि यूरोप के तमाम देशों के अलावा ब्राजील, अमेरिका और जापान के पत्रकार भी शामिल थे। एनटीवी जर्मनी के सौजन्य से इसका दुनिया भर में सीधा प्रसारण किया गया और उनकी भविष्यवाणी ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर पेश की गयी ।

पिछले एक सप्ताह के दौरान विभिन्न सर्च इंजिन में आक्टोपस पॉल के बारे में सर्वाधिक लोगों ने जानना चाहा। ट्विटर पर इस दौरान जिन विषयों पर चर्चा हुई उनमें शीर्ष दस में पाल का नंबर था। फेसबुक पर पाल बाबा पर विशेष पेज तैयार किया गया जिसे एक सप्ताह से भी कम समय में लगभग डेढ़ लाख लोगों ने पसंद किया।