Friday, April 16, 2010

मिश्रित वंशक्रम के लोग होते हैं आकर्षक


अन्य सामान्य वंश के वंशज मिश्रित वंशजों की अपेक्षा कम आकर्षक होते हैं। यह खुलासा एक नए अध्ययन में हुआ है। रिसर्च में कहा गया है कि दो अलग-अलग वंश के मेल से होने वाले बच्चे कहीं अधिक आकर्षक होते हैं।

कार्डिफ यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ सायकॉलजी के डॉ. मिशेल लेविस ने इस शोध के लिए 1205 ब्लैक, व्हाइट और मिक्सड रेस के चेहरे वालों के नमूने एकत्र किए थे। हर चेहरे को उसके आकर्षण के आधार पर अंक दिए गए। इसमें मिक्सड रेस के वंशज चेहरे वाले लोग अन्य की तुलना में कहीं अधिक आकषर्क पाए गए। डॉ. लेविस ने अपने शोध को ब्रिटिश सायकॉलजिकल सोसायटी की वार्षिक सभा में रखा है।


आईपीएल में फैली कितनी माया?

IPL business model
क्रिकेट के ग्लैमरस प्रारूप इंडियन प्रीमियर लीग में चौक्कों और छक्कों से आगे भी बहुत कुछ है। आईपीएल से कितनी माया जुड़ी है यह ललित मोदी पर गिरी आयकर विभाग की मार से जाहिर हो गया। स्वयं को एक चैरिटी संगठन कहने वाली आईपीएल के आयोजक करोड़ों में खेलते हैं। आज हर मां-बाप की बस यही ख्वाहिश है कि उनका बच्चा आईपीएल में खेले।

आखिर ऐसा क्यों? हमने आईपीएल में लगे धन का आंकलन करने की कोशिश की। इस पर एक नजर डालते हैं।

कौन है सट्टेबाज? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड

किसने लगाया है दांव? फ्रेंचाइजी - कोलकाता नाइटराइडर्स, मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर, राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स, किंग्स इलेवन पंजाब, चैन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली डेयरडेविल्स।

साइड प्लेयर्स - डीएलएफ, एडीडास और कोका कोला।

मीडिया अधिकार - एक बिलियन डॉलर (दस साल के लिए) सोनी टेलीविजन को।

केंद्रीय राजस्व - टूर्नामेंट की टाइटल स्पोंसरशिप (डीएलएफ), मर्चेंडाइस के अधिकार।

कहां से कमाते हैं फ्रेंचाइजी - स्टेडियम पर लगने वाले विज्ञापनों से, मैच टिकटों पर विज्ञापनों से, मर्चेंडाइस बेचकर।

कौन सी टीम कितने की?

कोलकाता नाइटराइडर्स - 75 मिलियन डॉलर

मुंबई इंडियंस - 11.9 मिलियन डॉलर

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर - 111.5 मिलियन डॉलर

राजस्थान रॉयल्स - 67 मिलियन डॉलर

डेक्कन चार्जर्स - 107 मिलियन डॉलर

किंग्स इलेवन पंजाब - 76 मिलियन डॉलर

चैन्नई सुपर किंग्स - 91 मिलियन डॉलर

दिल्ली डेयरडेविल्स - 84 मिलियन डॉलर

किसका कितना हिस्सा?

मीडिया अधिकार - बीसीसीआई 20 प्रतिशत, फ्रेंचाइजी 72 प्रतिशत और खिलाड़ी आठ प्रतिशत (ईनामी राशि)।

केंद्रीय राजस्व - बीसीसीआई 40 प्रतिशत, फ्रेंचाइजी 54 प्रतिशत और खिलाड़ी छह प्रतिशत (फ्रेंचाइजियों पर निर्भर करता है)।

फ्रेंचाइजी द्वारा कमाई - बीसीसीआई 20 प्रतिशत, फ्रेंचाइजी 80 प्रतिशत और खिलाड़ी शून्य प्रतिशत (फ्रेंचाइजियों पर निर्भर करता है)।

फ्रेंचाइजी द्वारा लगाई बोली की राशि पूर्णतः बीसीसीआई के हिस्से में गई।

कितना फायदा हुआ खिलाड़ियों को?

हर साल 80 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी (अनुमानित), तथा बोनस और ईनाम की राशि।

एडवरटाइजर्स से मिल रहा कितना धन?

सबसे ऊपर की पंक्ति में लगे विज्ञापनों की दर - 16,500 डॉलर प्रति स्पॉट।

अब तक की अनुमानित कमाई - बीसीसीआई ने आईपीएल के महज प्रसारण अधिकार बेचकर ही 1.75 बिलियन डॉलर कमा लिए थे। प्रचारकों से 108 मिलियन व फ्रेंचाइजियों से 700 मिलियन डॉलर की कमाई की है। यह आईपीएल-2 तक की कमाई है।

ऊपर लिखे आंकड़े तो सिर्फ एक कच्चा अनुमान हैं। आईपीएल कहां से किताना कमाता है इसके लिए तो आयकर विभाग वाले भी चकराए हुए हैं। पर अब जो जांच शुरु हुई है तो लगता है कि जल्द ही आईपीएल का मायाजाल उभरकर सामने आ जाएगा।

जिसने देखा सांसे रूक गईं


ऑस्ट्रिया के एक स्काईड्राइवर ने सांसें रोक देने वाला स्टंट करते हुए लोगों का मन मोह लिया। पॉल स्टेनर नामक इस स्काईडाइवर ऑस्ट्रिया की पहाड़ियों पर छह हजार फुट की ऊंचाई पर 100 मील प्रतिघंटा की गति से चल रहे एक ग्लाइडर से दूसरे ग्लाइडर पर कूद गया। सबसे पहले पॉल स्टेनर रेंगते हुए ग्लाइडर के उपर पहुंच गया और उसके पंख से छलांग लगा कर नीचे उड़ रहे दूसरे ग्लाइडर पर उतर गया।

इसके बाद वह दूसरे जहाज के मुख्य हिस्से में आ गया और ऊपर उलटे उड़ रहे पहले ग्लाईडर की पूंछ को पकड़ लिया। उस वक्त ऐसा लग रहा था मानो दोनो जहाजों के बीच एक जीवित ब्रिज बना हुआ है। इस स्टंट का फुटेज देखने वाले एक प्रशंसक के अनुसार, ‘यह एक बेहद आश्चर्यजनक स्टंट था और यदि इसे पैराशूट के साथ भी किया जाता तो थोड़ी सी गलती जानलेवा हो सकती थी।


आठ घंटे में बिकी 53 हजार टिकट

football world cupफुटबॉल फीवर चढ़ने लगा है। इसका प्रमाण है विश्वकप की 53 हजार टिकटों का पहले आठ घंटे में बिकना। फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन ने एक बयान में ऐसा दावा किया है। केप टाउन में टिकटों की ऐसी मारामारी मची की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तक बुलानी पड़ गई।

फीफा के मुताबिक विश्वकप के कुल 64 मुकाबलों में से 23 मैचों की टिकट हाथों हाथ बिक गईं। अगर तकनीकी समस्या नहीं आती तो बिक्री और अधिक हो सकती थी। टिकट बिक्री की प्रक्रिया के लिए नियुक्त 'मैच' कंपनी ने तकनीकी खामियों के लिए माफी मांगी है।



हुआ यूं कि बिक्री के समय थोड़ी तकनीकी खराबी आने के कारण घंटों कतार में खड़े प्रशंसकों को टिकट नहीं मिल पाई। गुस्साए लोगों ने वहां पर हंगामा करना शुरु कर दिया। बात इतनी बिगड़ गई की भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।



मैच के अधिकारी ने प्रशंसकों से माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने समस्या को समझ लिया है और जल्द ही इसका समाधान भी निकाल लिया जाएगा। स्थानीय दर्शकों को पांच लाख टिकट मुहैया कराई गई है