
लंदन. गाय की दूध से बने लजीज पकवान तो आपको खूब भाते होंगे, परंतु सोचिए अगर आपके सामने किसी महिला के दूध से बने चाय, हलवा या कुछ और पकवान परोसे जाएं तो क्या करेंगे।
अबी बलैके नाम की तीस वर्षीय महिला अपने दूध से लजीज खाना बनाती हैं। वह अपने परिवार के लिए गाय का दूध नहीं खरीदतीं। इसके जगह पर वह अपना दूध ही इस्तेमाल करती हैं। अबी ने अपने दूध से बने भोजन को कुछ खास दोस्तों को भी खिलाया है।
इसके बारे में अबी कहती हैं कि मेरा आठ माह का बच्चा है। मुझे अपने बच्चे की जरूरत से अधिक दूध आता है। इसीलिए जब मेरे बेटे का पेट भर जाता है तो मैं बाकी के बचे दूध को पम्प की सहायता से निकाल लेती हूं और इस्तेमाल करती हूं। अबी आगे कहती हैं कि जब उन्होंने अपने दूध से बना भोजन बनाया था तो परिवार के लोग नहीं खाना चाहते थे, परंतु मेरे कहने के बाद उन्होंने खाया तो खाना काफी स्वादिष्ट लगा।


लंदन. यहां असावधानी का मतलब होता है मौत, जी हां जंगल का कानून ही कुछ ऐसा है, जहां अपने जीने के लिए दूसरों को मारना पड़ता है। शिकार और शिकारी के बीच चलने वाला खेल कुछ
शिकार होने वाला जीव यह ध्यान रखता है कि वह किसी शिकारी के चंगुल में न पड़ जाए तो वहीं शिकारी अपनी भूख शांत करने के लिए हमेशा अपनी तकनीक बदलता रहता है।
शिकार करने के मामले में तेंदुए का कोई सानी नहीं। छिपने और रात में भी शिकार कर पाने की क्षमता इसे जंगल का सबसे घातक जानवर बना देती है। इसके इसी क्षमता को ब्रिटेन के फोटोग्राफर माइक बाइली ने अपने कैमरे में उतारा। माइक ने ये तस्वीरें अफ्रीका के बोटस्वाना के जंगल में एक जंगली सुअर को तेंदुए द्वारा शिकार बनाए जाने के समय ली हैं। 


