Friday, April 30, 2010

नंगे पैर चलने की इजाजत चाहता है

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कोलंबस (अमरीका) । एक घुमंतु सरकार से ओहायो प्रांत में नंगे पैर चलने की इजाजत लेने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। बॉब नीनैस्ट ने बताया कि जब वह पैरों में जूते पहनता है तो उसके पैरों में दर्द होने लगता है। वह राज्य सरकार से नंगे पैर चलने की इजाजत लेना चाहता है। बॉब सर्दियों में भी जूते नहीं पहन सकता। उसने कहा, नंगे पैर चलना मेरी स्वस्थ जीवन-शैली का एक हिस्सा है। इस तरह मैं खुद को उस जगह के करीब मानता हूं, जहां मैं घूमने जाता हूं। हाल ही में जब मैं नंगे पैर राज्य में घूम रहा था तो एक अधिकारी ने मुझे रोक लिया। उस अधिकारी का कहना था कि मैं राज्य के नियमों की उल्लंघना कर रहा हूं।

7 महीने बाद ही इंप्रैस करना छोड़ देते हैं प्रेमी

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एक सर्वे में पता चला है कि प्रेमी अब सिर्फ 7 महीने के संबंध के बाद ही एक-दूसरे को प्रभावित करने की कोशिशें अपनाना छोड़ देते हैं। किसी भी रिलेशन के दौरान लड़के सिर्फ शुरुआत के सात महीनों तक ही इस बात की परवाह करते हैं कि प्रेमिका से मिलने से पहले वे कैसे दिख रहे हैं, उन्होंने शेव की है या नहीं। पर्सनल ग्रूमिंग कंपनी रीमिंगटन द्वारा करवाए इस सर्वे में यह बात भी सामने आई कि लड़कियां भी 7 महीने तक ही ब्वॉयफ्रैंड को इंप्रैस करने के लिए ड्रैसेज की ओर ध्यान देती हैं। इसके बाद दोनों एक-दूसरे को अच्छे से जान लेते हैं। वे इस बात की ओर भी ध्यान नहीं देते कि उनके पार्टनर मस्ती में उनका नाक पकड़ता है या नहीं।

बिजली नहीं तो शादी नहीं

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खुशहाल दाम्पत्य जीवन की तलाश प्रत्येक मनुष्य को रहती है। वधु पक्ष वाले अपनी बेटी को सुखी देखने की अभिलाषा में वर पक्ष की खासी पड़ताल करते हैं। यूपी के कानपुर शहर में रहने वाले रोहित खन्ना की भी पिछले कुछ दिनों से रिश्ते की बातचीत चल रही थी। हालांकि रोहित की अच्छी आमदनी है, घर व समाज में अच्छा रुतबा है, और उसका चरित्र भी बहुत अच्छा है, परन्तु बावजूद उसके वधु पक्ष ने रिश्ता तोड़ दिया।

इस सम्बन्ध विच्छेद के पीछे जो कारण बताया गया, वह कुछ हट के था। वधु पक्ष के लोगों ने यह कहकर अपनी बेटी को रोहित के घर भेजने से इन्कार कर दिया क्योंकि रोहित के घर में बिजली इतनी कम आती है कि ऐसे माहौल में उनकी बेटी वहां नहीं रह सकती। कानपुर में पहली बार इस तरह की समस्या आन खड़ी हुई है। समूचे यूपी में बिजली की स्थिति कमोबेश ऐसी ही है।



यहां तक कानपुर के एक प्रतिष्ठित मैरिज ब्यूरो में रिश्ते देने वाले परिवारों में से लगभग एक दर्जन परिवारों ने बिजली की वजह से ही रिश्ते टूटने की जानकारी दी है। लड़की वाले इस बात को लेर परेशान हैं कि आखिर उनकी बेटी दिनभर में १५ घंटे बगैर बिजली के कैसे रहेगी। कानपुर शहर में बिजली सप्लाई मानो गुल ही हो चुकी है। यहां दिन के २४ घंटों में से महज ७ घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पाती है।


14 की उम्र में परेशान करती हैं लड़कियां

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अभिभावकों के लिए किशोरावस्था में बच्चों को संभालना काफी मुश्किल होता है। लड़कियां 14 साल और लड़के 15 साल की उम्र में मां-बाप को बेहद परेशान करते हैं। इसका कारण लड़कियों में तेजी से बड़े होने की इच्छा, ज्यादा आजादी, शराब पीने की इजाजत मिलना और छरहरी काया पाने का दबाव रहता है। इसी कारण इस उम्र में मां-बाप के साथ उनके सबसे ज्यादा झगड़े होते हैं।

वहीं 15 साल की उम्र लड़कों की वह अवस्था होती है, जिसमें वे यौवनावस्था में प्रवेश करने वाले होते हैं। इस दौरान या तो वे किसी से बात करना पसंद नहीं करते या अपनी पढ़ाई में मस्त रहते हैं। द बेबीवैबसाइट द्वारा करवाए गए एक सर्वे में यह पता चला है।



इस सर्वे में 18 साल से ज्यादा उम्र के लड़के लड़कियों के 2 हजार अभिभावकों को शामिल किया गया था। वैबसाइट की कैथरीन क्राफोर्ड ने कहा, नए मां-बाप दो बच्चों से ही डरे रहते हैं जबकि किशोरों के अभिभावक उन्हें बताएंगे कि उनके जीवन का मुश्किल दौर तो अभी दूर है। सर्वे में 63 फीसदी अभिभावकों ने बताया कि 14 साल की उम्र में लड़कियां बेहद मूडी होती हैं। यही बात 78 फीसदी ने लड़कों के मामले में कही। 14 की उम्र के बाद लड़कियां अपने वजन और फिगर को लेकर चिंतित रहती हैं और पॉकेटमनी को लेकर शिकायत भी करती हैं।



क्रोफोर्ड ने कहा, हमें याद रखना होगा किशोरावस्था जहां मां-बाप के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी वाली रहती है। इस दौरान बच्चे मूडी हुए बिना रह नहीं सकते और इसी कारण मां-बाप भी चिंतित रहते हैं।