वैज्ञानिक हमेशा यह मानते रहे थे कि अपने प्रिय के खोने पर शोक में डूब जाना और आखिरी रस्म निभाना मनुष्य को जीव जंतुओं के संसार से अलग पहचान देता है। लेकिन अब एक नए अध्ययन ने इस धारणा को खत्म कर दिया है। अध्ययन के मुताबिक अपने प्रियजनों के आखिरी समय में चिंपैंजी उनके करीब रहते हैं और उनकी मृत्यु के समय उनके चेहरे पर वैसी गमगीन भावनाएं रहती हैं।
जैसी मनुष्यों में देखी जाती हैं। द टैलीग्राफ में छपे एक अध्ययन के मुताबिक एक बुजुर्ग मादा चिंपैंजी के गिर जाने पर उसके परिवार वाले न केवल घंटों उसके करीब रहे बल्कि वे इस कदर दुखी थे कि उसकी मौत के बाद काफी समय तक वे वहां से नहीं हटे।
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