Tuesday, April 6, 2010

टॉप टैन झूठ

सच बोलने का संस्कार तो हमें घुट्टी में पिला दिया जाता है। वैसे झूठ को एक कला मानने वालों की भी कमी नहीं है और आज तनावों से भरी दुनिया में कदम-कदम पर झूठ का सहारा लेना ही पड़ता है। छुट्टी लेनी हो तो बीमारी का झूठ, देर से आफिस पहुंचे तो गाड़ी खराब होने का झूठ आदि-आदि। फिर झूठ बोलने का एक दिन ही मिल जाए तो झूठ से डरना कैसा, बिंदास होकर झूठ बोलिए। जी हां, चार अप्रैल को है टेलिंग लाइ डे।




टॉप टैन झूठ



सॉरी, फोन में सिगनल नहीं था।



मेरे पास कैश नहीं है।



मैं बिल्कुल ठीक हूं।



तुम बहुत अच्छे लग रहे हो।



तुम्हे देखकर अच्छा लगा।



मैं तुम्हें फोन करुंगा।



हम सिर्फ अच्छे दोस्त हैं।



हमें जल्द ही मिलना होगा।



मैं रास्ते में हूं।



क्या आपने कभी कोई झूठ बोला है और अगर हां तो वह क्या है? अपना वह झूठ हमें लिख भेजें

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