Tuesday, July 20, 2010

क्या खजुराहो में छिपा है लादेन!

मिलती-जुलती सूरत के कारण स्थानीय लोग मुश्ताक कश्मीरी को पुकारते हैं इस नाम से। फिल्म ‘तेरे बिन लादेन’ के निर्माता अभिषेक शर्मा फिल्म बनाने से पहले खजुराहो आए होते तो उन्हें न केवल लादेन के रोल के लिए लादेन नाम का ही व्यक्ति मिलता बल्कि चेहरे और कद काठी के हिसाब से भी शायद सही पात्र उनके सामने होता।

चौंकाने वाली खबर तो यह है ही क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी खजुराहो में पिछले एक दशक से ज्यादा समय से लादेन नाम का एक शख्स रह रहा है। जो न केवल देखने में बहुत कुछ लादेन जैसा है बल्कि खजुराहो के लोग भी इसे सिर्फ इसी नाम से पुकारते हैं।



मूलत: श्रीनगर के लाल बाजार निवासी मुश्ताक कश्मीरी यहां शिल्प ग्राम के पास कश्मीरी वस्त्रों व फैंसी आइटमों की दुकान चलाते हैं। शुरुआती दिनों में उन्होंने कुछ समय तक यहां के एक फाइव स्टार होटल में इसी तरह के व्यवसाय से संबंधित एक दुकान में काम किया।



बाद में अपना खुद का कारोबार जमा लिया। 11 सितंबर २क्क्१ को वांशिगटन में पेंटागन पर हमले के बाद जब लादेन चर्चा में आया तो श्री कश्मीरी के मिलते-जुलते चेहरे की वजह से लोग उन्हें भी लादेन कहकर पुकारने लगे।



स्वभाव से हंसमुख, मिलनसार और विनम्र 58 वर्षीय मुश्ताक कश्मीरी इस संबोधन से कभी नाराज नहीं होते बल्कि हास परिहास स्वरूप अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए प्रतिप्रश्न कर बैठते हैं कि क्या मैं लादेन जैसा दिखता हूं।



और फिर ठहाके गूंजने लगते हैं।



उनकी इस नाम से पहचान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खजुराहो में आपको उनके पास तक पहुंचना है तो ऑटो वाले से सिर्फ इतना ही कहना काफी है कि मुझे लादेन से मिलना है। चंद मिनटों में ही आप उनकी दुकान के सामने खड़े होंगे।



मुश्ताक कश्मीरी कहते हैं कि लोग उन्हें प्यार से लादेन कहकर पुकारते हैं। अत: बुरा मानने का प्रश्न ही नहीं उठता।

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