स्विट्जरलैंड ।। वैमानिकी के क्षेत्र में एक इतिहास रचने की कोशिश की जा रही है। सफलता मिलने पर विमान के उड़ने के तौर-तरीके में क्रांतिकारी
बदलाव हो जाएंगे।
पूरी तरह सौर ऊर्जा से चलाए जाने वाले एक विमान की कॉपी का दुबेनदोर्फ एयरबेस में थोड़ी दूरी तक उड़ान का सफल परीक्षण पहले ही किया जा चुका है। विमान की यह कॉपी रात में भी उड़ने में सक्षम है।
टेस्ट पायलट बरट्रैंड पिकार्ड ने बताया कि वैज्ञानिक और इंजीनियर 2010 की गर्मियों के दौरान दिन और रात में इस विमान को 36 घंटे तक उड़ाने के लिए जी-जान से मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जो हो रहा है वह कोई क्रांति नहीं है। हम एक नया रास्ता खोलने की कोशिश कर रहे हैं। देखते हैं कि क्या होता है। हम दावा नहीं करते कि अगले कुछ वर्षों में कमर्शल एविएशन सोलर एनर्जी से संचालित होने लगेगी। सोलर एनर्जी का इस्तेमाल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि हम दिखाना चाहते हैं कि कन्वेन्शनल एनर्जी और नई टेक्नॉलजी से क्या-क्या हासिल किया जा सकता है।
Tuesday, December 29, 2009
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