Tuesday, April 20, 2010
कान और नाक का छेदन जरूरी क्योंकि...
आज के आधुनिक युग में सामान्यत: लड़कियां कान और नाक के छेदन के पक्ष में नहीं होती है। फिर भी कुछ लड़कियां कान का छेदन तो करा ही लेती हैं। वैसे लड़कियों के कानों में झुमका, बाली आदि उनकी सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। नाक की नथ भी उनकी सुंदरता की पूर्णता प्रदान करती है। सामान्यत: इन्हें सुंदरता की दृष्टि से ही देखा जाता है।
शास्त्रों में नाक और कान का छेदन लड़कियों के लिए अनिवार्य बताया गया है। ऐसा उनकी शारीरिक संचरना को ध्यान में रखकर परंपरा से जोड़ा गया है। स्त्रियां शारीरिक रूप से काफी संवेदनशील होती हैं उन पर मौसम के छोटे-छोटे परिवर्तन का भी गहरा प्रभाव पड़ता है।
नाक की नथ उन्हें नासिका संबंधी रोगों से बचाती है, कफ, सर्दी-जुकाम आदि रोगों से लडऩे की शक्ति प्रदान करती है। नाक की नथ नाक की नसों के लिए एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर का काम करती है।
कानों के झुमके, बाली आदि मस्तिष्क के दोनों भागों के लिए एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर का काम करता है। दिमाग के कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है। साथ ही कानों में बाली पहनने से स्त्रियों का मासिक धर्म भी नियमित रहता है और ऐसे ही कई अन्य रोगों से लडऩे की शक्ति का संचार होता है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment