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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पुरुषों के लिए एक ऐसी खास अंडरवियर तैयार की है जिसमें शरीर के तापमान, ब्लड प्रैशर, हॉर्ट बीट आदि को नापने के लिए इलेक्ट्रानिक बायोसेंसर लगाया गया है। इस अंडरवियर के बारे में कहा गया है कि यह बेहद आरामदायक, मजबूत, स्टाइलिश है और पहनने वाले का जीवन बचाने में मदद करेगी।
इस अंडरवियर को विकसित करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया, सेन डिएगो के प्रोफेसर जोसेफ वांग का कहना है कि इसे विकसित करते वक्त हमने रिमोट मॉनीट्रिंग के जरिए घर पर ही बुजुर्गो को व्यक्तिगत देखभाल देने का ख्याल रखा है। इसके जरिए हॉर्ट अटैक, शुगर के स्तर में बदलाव और शरीर में अन्य बदलावों पर निगरानी रखी जा सकेगी।
वांग कहते हैं कि अंडरवियर में लगे बॉयोसेंसर एथलीट्स के लिए भी उपयोगी होंगे। इससे उन्हें अपने शरीर संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी। इस अंडरवियर को विकसित करने के प्रोजैक्ट को अमेरिका की सेना ने फंड किया है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी सैनिक ही इसे सबसे पहले पहनेंगे।
ब्रिटेन में ग्लॉस्टनबेरी म्यूजिक फेस्टिवल का मजा लेने आए लोग अपने मोबाइल के चार्ज करने की चिंता से मुक्त हो जाएंगे। यूके म्यूजिक फेस्टिवल के लिए ऐसे विशेष जूते बनाए गए हैं जो मोबाइल फोन को चार्ज करेंगे।
स्काई न्यूज की एक खबर के मुताबिक मोबाइल फोन ऑपरेटर ओरेंज ने ऐसे गम बूट्स लांच किए हैं जो पॉवर जेनरेटिंग सोल के जरिए मोबाइल को चार्ज कर सकेंगे।
12 घंटे तक म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान डांस करने या चलहकदमी करने पर यह जूते इतनी ऊर्जा उत्पादित करेंगे की एक घंटे तक फोन चार्ज किया जा सके। ऊर्जा विशेषज्ञ गॉटविंड द्वारा विकसित यह जूते चहलकदमी के दौरान पैरों में पैदा होने वाली गर्मी को बिजली में बदलेंगे।
ओरोंज स्पांसरशिप हेड एंड्रयू पियरसे का कहना है कि ओरोंज ग्लॉस्टनबरी फेसटिवल के ग्रीन कार्यक्रम के तहत नई ऊर्जा तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने ऐसे जूते विकसित किए हैं जो फेसटिवल के दौरान लोगों का उनके परिवार वालों से जोड़े रखेंगे।
सुनने में अजीब जरूर लग रहा है लेकिन यह खबर पूरी तरह से सच है। केरल के पथनमथिट्टा जिले में अपने परिवारवालों द्वारा कथित तौर पर मरा समझकर दफना दी गई एक महिला को उसके प्रेमी संग गिरफ्तार किया गया है।
महिला की गिरफ्तारी के बाद पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आदमी के साथ कुछ दिन पहले यह महिला घर से भाग गई थी। पुलिस ने बताया कि तीन बच्चों की मां (27) शाइनी 2009 के अगस्त महीने से ही गायब थी। वह अपने पड़ोसी कालेश (30) के साथ घर से भाग गई थी। हालांकि इस बारे में घर के किसी भी व्यक्ति को कुछ भी पता नहीं था। घर से भागने के बाद शाइनी के घरवालों को 10 दिन पहले नजदीक के तालाब में एक लाश मिली थी जिसे उन्होंने शाइनी का शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था।
फिर भी शंकावश घरवालों ने पुलिस में शाइनी के भागने की एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद अब पुलिस ने कालेश के मोबाईल फोन से होने-वाली बातचीत से प्राप्त जानकारी के आधार पर दोनों को पकड़ा। हालांकि पुलिस असमंजश में है कि जिस लाश को लड़की के घर वालों ने जलाई थी वह कौन थी। पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है।
धार्मिक दृष्टि से पूरा संसार ही शिव का रुप है। इसलिए शिव के अलग-अलग अद्भुत स्वरुपों के मंदिर और देवालय हर जगह पाए जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर स्थित है - हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित काठगढ़ महादेव। इस मंदिर का शिवलिंग ऐसे स्वरुप के लिए प्रसिद्ध है, जो संभवत: किसी ओर शिव मंदिर में नहीं दिखाई देता। इसलिए काठगढ़ महादेव संसार में एकमात्र शिवलिंग माने जाते हैं, जो आधा शंकर और आधा पार्वती का रुप लिए हुए है। यानि एक शिवलिंग में दो भाग हैं। इसमें भगवान शंकर के अर्द्धनारीश्वर स्वरुप के साक्षात दर्शन होते हैं। शिव रुप का भाग लगभग ७ फुट और पार्वती रुप का शिवलिंग का हिस्सा थोड़ा छोटा होकर करीब ६ फुट का है। इस शिवलिंग की गोलाई लगभग ५ फिट है।
शिव और शक्ति का दोनों के सामूहिक रुप के शिवलिंग दर्शन से जीवन से पारिवारिक और मानसिक दु:खों का अंत हो जाता है।
शिवपुराण की कथा अनुसार जब ब्रह्मा और विष्णु के बीच बड़े और श्रेष्ठ होने की बात पर विवाद हुआ, तब बहुत तेज प्रकाश के साथ एक ज्योर्तिलिंग प्रगट हुआ। अचंभित विष्णु और ब्रह्मदेव उस ज्योर्तिलिंग का आरंभ और अंत नहीं खोज पाए। किंतु ब्रह्मदेव ने अहं के कारण यह झूठा दावा किया कि उनको अंत और आरंभ पता है। तब शिव ने प्रगट होकर ब्रह्म देव की निंदा की और दोनों देवों को समान बताया। माना जाता है कि वही ज्योर्तिमय शिवलिंग ही काठगढ़ का शिवलिंग है।
चूंकि शिव का वह दिव्य लिंग शिवरात्रि को प्रगट हुआ था, इसलिए लोक मान्यता है कि काठगढ महादेव शिवलिंग के दो भाग भी चन्द्रमा की कलाओं के साथ करीब आते और दूर होते हैं। शिवरात्रि का दिन इनका मिलन माना जाता है।
काठगढ़ में सावन माह और महाशिवरात्रि के दिन विशेष शिव पूजा और धार्मिक आयोजन होते हैं। इसलिए इस समय काठगढ़ की यात्रा सबसे अच्छा मानी जाती है।
काठगढ़ शिवलिंग दर्शन के लिए पहुंचने का मुख्य मार्ग पंजाब का पठानकोट और हिमाचल प्रदेश के इंदौरा तहसील से है। जहां से काठगढ़ की दूरी लगभग ६ से ७ किलोमीटर है।