Wednesday, June 30, 2010

किताब के टाइटल में 1086 शब्द!

Book
आम तौर पर किसी पुस्तक का टाइटल कितना बडा होता है अधिकतम 8-10 शब्दों तक। लेकिन अगर आप आंध्र प्रदेश के एक प्रोफेसर की पुस्तक को देखेंगे, तो इसका टाइटल पढने और समझने में ही आपको काफी वक्त लग जाएगा। दरअसल, उन्होंने इस पुस्तक में 1086 शब्दों का प्रयोग किया है, जिसमें 5633 अक्षर हैं। यह टाइटल अंग्रेजी में है और गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स ने इसे दुनिया में सबसे लंबे टाइटल वाली किताब के रूप में मान्यता दी है।

आंध्र के महबूबनगर जिले में रहने वाले वंजीपुरम श्रीनाथ चारी को शुरूआत से ही अनोखे काम करने में दिलचस्पी रही है। वे यहां पालामुरू विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने जब अंग्रेजी के 108 मुहावरों, कहावतों, वाक्यांशों और शब्दों के उद्भव और विन्यास पर एक किताब लिखना शुरू किया था, तभी उन्होंने मन में ठान लिया था कि वे इसे दुनिया की असाधारण किताब बना देंगे। किताब की सामग्री तो अद्भुत है ही, साथ ही उन्होंने इसका टाइटल भी अनोखा बना दिया है। इसका टाइटल उन्होंने इतना लंबा रखा कि विश्व रिकॉर्ड बन गया है।

पिछला रिकॉर्ड
चारी की किताब ने अब मिस्त्र के एसाम मशाली का रिकॉर्ड तोड दिया है, जिनकी किताब का टाइटल 301 शब्दों का था। इस टाइटल में 1518 अक्षर इस्तेमाल हुए थे। इस तरह देखा जाए तो चारी ने न केवल यह रिकॉर्ड तोडा, बल्कि उसे बडे अंतर से पीछे छोडा है। चारी के अनुसार गिनीज अधिकारियों ने पिछले महीने इस रिकॉर्ड की पुष्टि कर दी थी, लेकिन अब इसकी आधिकारिक घोषणा की है और गिनीज वल्र्ड रिकॉड्र्स, लंदन द्वारा उपलब्धि का प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।

125 पेज की बुक
कुल 125 पृष्ठों वाली उनकी इस अंग्रेजी किताब का प्रकाशन पिछले साल 27 सितम्बर को हुआ था। अपने अनोखे टाइटल की वजह से यह किताब आरंभ से ही लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही है। कुछ लोग इसे दिलचस्प मानते हैं, वहीं कुछ लोग ऎसे भी हैं, जो इसे समझ पाने में असमर्थता व्यक्त करते हैं। फिर भी सभी लोग चारी को इस उपलब्धि पर बधाई देते हैं। चारी का कहना है कि नया रिकॉर्ड बनाने के साथ वे इस शाखा में रिकॉर्ड बनाने वाले भारत के पहले असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं।


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