Saturday, July 24, 2010

'यहां दी जाती थी इंसानों की बलि'

पेरू के पुरातत्वविदों ने एक ऐसी जगह की खोज की है जहां छठवीं शताब्दी में इंसानों की बलि दी जाती थी। इस जगह का नाम लैम्बेक है जो पेरू के उत्तरी इलाक़े में स्थित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरातत्वविदों ने यहां एक 60 मीटर लंबा हॉल खोजा है जिसकी दीवारें कई रंगों में रंगी गई थीं।

पुरातत्वविदों के अनुसार बीते समय में इस हॉल को काफ़ी ख़ूबसूरती से सजाया जाता रहा होगा। पुरातत्वविदों की टीम का नेतृत्व करने वाले कार्लोस वेस्टर ला टोरे का कहना है कि इस हाल का निर्माण मोचे लोगों ने किया था। गौरतलब है कि मोचे लोगों की सभ्यता एक कृषि आधारित विकसित सभ्यता थी जो 100 वर्ष ईसा पूर्व से लेकर 800 ईस्वी के बीच पनपी थी इसका अस्तित्व पेरू के 'इंका' साम्राज्य के पहले था।


पुरात्वविदों का मानना है यहां युद्ध बंदियों की बलि चढ़ाई जाती थी। इस जगह की ली गई तस्वीर में फर्श पर कम से कम छह मानव कंकाल दिखाई पड़ते हैं।वेस्टर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "समारोह के लिए उपयोग में लाए जाने वाले इस हॉल में मौजूद चीजों से मोचे समुदाय के अभिजात्य लोगों की उपस्थिति और मानव बलि के प्रमाण मिलते हैं"


गौरतलब है कि पिछले 25 सालों में पुरातत्वविदों को पेरू में मोचे समुदाय के समृद्ध लोगों और शासकों की ढेरों क़ब्र और कलाकृतियां मिली हैं।

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