Saturday, July 31, 2010

टैक्स दो डोली उठाओ

लड़कियों के विवाह में लोगों द्वारा हर तरह की मदद की बात तो आपने सुनी होगी लेकिन बिहार का एक गांव ऐसा भी है, जहां लड़कियों की डोली तभी उठती है जब 'रंगदारी' दी जाए। बिना रंगदारी चुकाए अगर विवाह हो जाए तो संबंधित परिवार की खैर नहीं। रंगदार उस परिवार के साथ जोर-जबरदस्ती पर उतारू हो जाते हैं।

कटिहार जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मनिहारी थाना क्षेत्र के चिमूरतला गांव के लोग यह सब झेलने के लिए विवश हैं। इस गांव में किसी घर बारात आए या वे कहीं बारात लेकर जाएं तो उन्हें रंगदारी देनी ही पड़ती है। यहां के लोगों ने इसे 'डोली टैक्स' का नाम दे दिया है।

महियारपुर ग्राम पंचायत के इस गांव में गत 14 जुलाई की रात एक परिवार को 'डोली टैक्स' न चुका पाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। इस गांव की एक लड़की पुतुल की शादी हुई लेकिन परिवारवाले गरीबी की वजह से रंगदारी की रकम नहीं दे सके। इसके बाद रंगदारों ने पुतुल के घर में घुसकर गोलीबारी की। इससे पुतुल की नानी की मौत हो गई।

पुतुल की मां मसोमात सतमा कहती हैं कि रंगदारी वसूलने वालों ने हमसे 2,000 रुपये और लड़के वालों से 5,000 रुपये, शराब और मुर्गे का खर्च मांगा था। हम गरीब हैं, इतनी रकम नहीं दे पाए। इसलिए उन लोगों ने हमारे घर में घुसकर गोलियां चलाईं।

वह बताती हैं कि उन लोगों ने थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।

गांव की ही बसंती देवी बताती हैं कि हमने दो बेटियों की शादी तो 'डोली टैक्स' देकर कर दी लेकिन बाकी दो बेटियों की शादी में क्या होगा? इसको लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है।

वह बताती हैं कि उनका एक दामाद 'टैक्स' नहीं चुका पाया था, इसी डर से इस गांव में कभी नहीं आता।

वहीं, राजेश मंडल का कहना है कि अगर बच्चों को जन्म दिया है तो विवाह भी करना है। इसलिए हम 'टैक्स' दे देते हैं।

वह बताते हैं कि परिवार की आर्थिक हैसियत के आधार पर 'टैक्स' की मांग की जाती है। यह रकम 5,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये तक हो सकती है। लड़की वालों से ही नहीं लड़के वालों से भी 'टैक्स' वसूला जाता है।

मनिहारी अनुमंडल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) सुबोध विश्वास ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी है। मामले की जांच की जा रही है। साथ ही आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी की जा रही है।

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