Friday, April 16, 2010

आईपीएल में फैली कितनी माया?

IPL business model
क्रिकेट के ग्लैमरस प्रारूप इंडियन प्रीमियर लीग में चौक्कों और छक्कों से आगे भी बहुत कुछ है। आईपीएल से कितनी माया जुड़ी है यह ललित मोदी पर गिरी आयकर विभाग की मार से जाहिर हो गया। स्वयं को एक चैरिटी संगठन कहने वाली आईपीएल के आयोजक करोड़ों में खेलते हैं। आज हर मां-बाप की बस यही ख्वाहिश है कि उनका बच्चा आईपीएल में खेले।

आखिर ऐसा क्यों? हमने आईपीएल में लगे धन का आंकलन करने की कोशिश की। इस पर एक नजर डालते हैं।

कौन है सट्टेबाज? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड

किसने लगाया है दांव? फ्रेंचाइजी - कोलकाता नाइटराइडर्स, मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर, राजस्थान रॉयल्स, डेक्कन चार्जर्स, किंग्स इलेवन पंजाब, चैन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली डेयरडेविल्स।

साइड प्लेयर्स - डीएलएफ, एडीडास और कोका कोला।

मीडिया अधिकार - एक बिलियन डॉलर (दस साल के लिए) सोनी टेलीविजन को।

केंद्रीय राजस्व - टूर्नामेंट की टाइटल स्पोंसरशिप (डीएलएफ), मर्चेंडाइस के अधिकार।

कहां से कमाते हैं फ्रेंचाइजी - स्टेडियम पर लगने वाले विज्ञापनों से, मैच टिकटों पर विज्ञापनों से, मर्चेंडाइस बेचकर।

कौन सी टीम कितने की?

कोलकाता नाइटराइडर्स - 75 मिलियन डॉलर

मुंबई इंडियंस - 11.9 मिलियन डॉलर

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर - 111.5 मिलियन डॉलर

राजस्थान रॉयल्स - 67 मिलियन डॉलर

डेक्कन चार्जर्स - 107 मिलियन डॉलर

किंग्स इलेवन पंजाब - 76 मिलियन डॉलर

चैन्नई सुपर किंग्स - 91 मिलियन डॉलर

दिल्ली डेयरडेविल्स - 84 मिलियन डॉलर

किसका कितना हिस्सा?

मीडिया अधिकार - बीसीसीआई 20 प्रतिशत, फ्रेंचाइजी 72 प्रतिशत और खिलाड़ी आठ प्रतिशत (ईनामी राशि)।

केंद्रीय राजस्व - बीसीसीआई 40 प्रतिशत, फ्रेंचाइजी 54 प्रतिशत और खिलाड़ी छह प्रतिशत (फ्रेंचाइजियों पर निर्भर करता है)।

फ्रेंचाइजी द्वारा कमाई - बीसीसीआई 20 प्रतिशत, फ्रेंचाइजी 80 प्रतिशत और खिलाड़ी शून्य प्रतिशत (फ्रेंचाइजियों पर निर्भर करता है)।

फ्रेंचाइजी द्वारा लगाई बोली की राशि पूर्णतः बीसीसीआई के हिस्से में गई।

कितना फायदा हुआ खिलाड़ियों को?

हर साल 80 लाख रुपए प्रति खिलाड़ी (अनुमानित), तथा बोनस और ईनाम की राशि।

एडवरटाइजर्स से मिल रहा कितना धन?

सबसे ऊपर की पंक्ति में लगे विज्ञापनों की दर - 16,500 डॉलर प्रति स्पॉट।

अब तक की अनुमानित कमाई - बीसीसीआई ने आईपीएल के महज प्रसारण अधिकार बेचकर ही 1.75 बिलियन डॉलर कमा लिए थे। प्रचारकों से 108 मिलियन व फ्रेंचाइजियों से 700 मिलियन डॉलर की कमाई की है। यह आईपीएल-2 तक की कमाई है।

ऊपर लिखे आंकड़े तो सिर्फ एक कच्चा अनुमान हैं। आईपीएल कहां से किताना कमाता है इसके लिए तो आयकर विभाग वाले भी चकराए हुए हैं। पर अब जो जांच शुरु हुई है तो लगता है कि जल्द ही आईपीएल का मायाजाल उभरकर सामने आ जाएगा।

0 comments:

Post a Comment