Thursday, April 15, 2010

अपनी आवाज से कर देते हैं बेहोश


उनकी आवाज में जादू है। जी हां ब्रिटेन के क्लिफ पेनरोसेकी आवाज में कुछ ऐसा जादू है कि वो नटखट खरगोशों को बेहोश कर देते हैं।



वन्य जीवों के प्रति असीम प्यार रखने वाले क्लिफ ऐसाखरगोशों के इलाज में मदद के लिए करते हैं। वे खरगोश को बिस्तर पर सुलाकर उसकी आंखे बंद कर देते हैं औरउसे कुछ अपनी कुछ ऐसी जादुई आवाज सुनाते हैं कि वह दस मिनट के अंदर ही बेहोश हो जाता है।



जानवरों को इस प्रकार बेहोश करने वाले वे ब्रिटेन के एक मात्र व्यक्ति हैं। उनकी इस कला के मुरीदों की कमी नहींहै। यही कारण है कि जब भी किसी खरगोश का ऑपरेशन करना होता है उन्हें याद किया जाता है। 60 वर्षीयक्लिफ अपनी इस सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं लेते।

मौत को मात देती हौसले की उड़ान

अपने हौसले से मौत को भी मात देते हैं ये जाबांज। जी हां ऑस्ट्रिया के इन स्काईडाइवरों को देख यह बात मुंह से बरबस ही निकल जाती है। एक एयर शो के दौरान इन जाबांजों ने 2,100 मीटर की उंचाई पर 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते विमान से ऐसी करतब दिखाई की देखने वाले दांतों तले उंगलियां दबाए रह गए।

आइए आप भी देखिए इस करतब के खास फोटो-









Wednesday, April 14, 2010

सात साल उम्र बढ़ा सकती है एक मुस्कान

लंदन। एक मुस्कान का कोई मूल्य नहीं होता लेकिन यह आपकी उम्र के सात वर्ष बढ़ा सकती है। ‘डेली मेल’ के अनुसार हमारी मुस्कान जितनी चौड़ी होगी और मुस्कराते समय आंखों के इर्द-गिर्द जितनी झुर्रियां बनेंगी उतनी ही लंबी हमारी जिंदगी होगी। वायने स्टेट यूनिवर्सिटी, मिशिगन के खोजकर्ताओं ने 1952 में छपे बेसबॉल रजिस्टर में प्रकाशित मेजर लीग बेसबॉल के 184 खिलाड़ियों की तस्वीरों से यह निष्कर्ष निकाला है।

उस रजिस्टर में उन खिलाड़ियों की जन्मतिथि, वजन, वैवाहिक स्थिति, करियर सहित उनके पूरे जीवन के बारे में सारी जानकारी दी गई थी। खोजकर्ताओं ने हर खिलाड़ी को उनकी अलग-अलग तरह की मुस्कान (कोई मुस्कान नहीं, हल्की सी मुस्कान जिसमें मुंह के कुछ मसल्स ही क्रिया करते हैं और पूरी मुस्कान जिसमें दांत दिखते हैं तथा गाल और आंखों के आसपास के मसल्स काम करते हैं) के आधार पर अंक दिए हैं। खोजकर्ताओं ने इन तस्वीरों की हरेक खिलाड़ी के जीवन से तुलना की। इस खोज में पाया गया कि जो खिलाड़ी बिल्कुल नहीं मस्कुराते थे उनकी औसत उम्र 72.9 थी।

वहीं छोटी मुस्कान वाले खिलाड़ियों की औसत उम्र 75 वर्ष थी। इनके अलावा जो खिलाड़ी खुल कर मुस्कान बिखेरते थे उनकी औसत आयु 79.9 रही जोकि न मुस्कुराने वालों की तुलना में सात वर्ष ज्यादा थी। अध्ययन से यह भी पता चला कि झूठी मुस्कान भी सेहत को वैसा फायदा नहीं पहुंचा सकी जो कि असली मुस्कान ने पहुंचाया था।

ये आस्था है या अंधविश्वास!

धर्म और आस्था का देश माने जाने वाले भारत में आस्था के नाम पर अंधविश्वास करने वालों की कोई कमी नहीं है। कोई पापों से मुक्ति के लिए खुद को असहनीय कष्ट देता है, तो कोई अपने शरीर का कोई भाग काट कर भगवान को चढ़ा देता है। इसी प्रकार की एक घटना कोलकाता से 80 किलोमीटर दूर स्थित बाइनान गांव में देखी गई।

यहां लोगों ने लोहे की रॉड को अपनी जीभ के आर-पार किया। इन लोगों ने ऐसा भगवान शिव को खुश करने के लिए किया। आइए देखते हैं कुछ खास चित्र-