Friday, April 9, 2010

ये है मौत का ट्राएंगल, जो गया वापस नहीं आया

ये ट्राएंगल है, मौत का ट्राएंगल, 125 हवाई जहाजों और 50 जहाजों को लील चुका है। हजारों जिंदगियों का भक्षण करने वाला यह इलाका बरमूडा ट्राएंगल कहलाता है। रहस्यों में लिपटा ऐसा इलाका जिसके बारे में आज तक कोई ठीक-ठीक नहीं बता पाया। विज्ञान की इतनी प्रगति के बाद भी कोई इसका रहस्य खोल नहीं पाया। ये आज भी खौफ का पर्याय है। आइए नजर डालते हैं इसके रहस्यों पर..

कोलंबस ने देखी थी यहां पर खौफनाक आग

इस रहस्यमय त्रिकोण के बारे में सबसे पहले लिखने वाला व्यक्ति क्रिस्टोफर कोलंबस था। उसने और उसके चालक दल ने समुद्र की सतह पर नृत्य करती अद्भुत रोशनी देखी और अपनी लॅाग बुक में लिखा कि आकाश में आग की लपटें थीं।

उन लोगों ने अपने लॉग बुक में यह भी लिखा कि इस दौरान उनके कंपास ने बेतुकी दिशा दिखानी शुरू कर दी थी। हालांकि आधुनिक विद्वानों ने इसे भ्रम करार दिया है।

हादसों के लिए कौन है जिम्मेदार

बरमूडा त्रिकोण में होने वाले हादसों के कारणों को अभी तक पक्के तौर पर नहीं जाना जा सका है। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे ऐसे कारण बताए हैं जो इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं। ये कारण इस प्रकार हैं-

मौत के लिए जिम्मेदार मीथेन गैस के बुलबुले

विमानों के गायब होने की घटनाओं के लिए मीथेन हाइड्रेट को जिम्मेदार बताया गया है। इस इलाके में समुद्र तल पर मीथेन हाइड्रेट्स के विशाल भंडार हैं। इस भंडार से मीथेन गैस के बड़े- बड़े बुलबुले ऊपर की ओर उठते रहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये बुलबुले पानी के घनत्व में कमी लाकर जहाज को डुबो देने की क्षमता रखते हैं।

भौगोलिक स्थिति

बरमूडा ट्राएंगल में विमानों व जहाजों के गायब होने के पीछे सबसे प्रमुख कारण इसकी भौगोलिक स्थिति को माना जाता है। उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर में स्थित इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां दाखिल होते ही विमानों के कंपास सही दिशा दिखाना बंद कर देते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में भौतिकी के नियम लागू नहीं होते जिसके कारण हादसे होते हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र के चुंबकीय प्रभाव व चांद की स्थिति को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है।

शक्तिशाली समुद्री तूफान

अटलांटिक महासागर के इस क्षेत्र में शक्तिशाली तूफान आते रहते हैं। इन तूफानों में फंसकर वायुयान व समुद्री जहाज डूब जाते हैं।

गल्फ स्ट्रीम

इस क्षेत्र में शक्तिशाली गल्फ स्ट्रीम चलती हैं। ये गल्फ स्ट्रीम मैक्सिको की खाड़ी से निकलकर फ्लोरिडा के जलडमरू से उत्तरी अटलांटिक तक जाती हैं। यह गल्फ स्ट्रीम असल में समुद्र के अंदर नदी की तरह होती हैं। इसके तेज बहाव में जहाजों के डूबने की संभावना रहती है।

मानवीय त्रुटि

इस क्षेत्र में वायुयानों और जहाजों के खो जाने की घटनाओं के पीछे मानवीय गलतियों को भी जिम्मेदार माना जाता है। जैसे इस इलाके में गायब हुए टैंकर वी. ए. के बारे में कहा जाता है कि इसके कर्मचारियों के प्रशिक्षण में कमी थी, जिसके कारण बेंजीन अवशिष्ट की सफाई में गलती हुई और जहाज डूब गया।

कितने विमान और जहाज हुए हैं लापता

इस दानवी त्रिभुज के बारे में कहा जाता है कि जो यहां गया वापस न आ सका। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यहां गायब होने वाले जहाजों को ढूंढ़ पाना भी आसान नहीं होता। इस इलाके में गायब होने वाले जहाजों का कोई अता-पता नहीं चलता। यही कारण है कि बहुत से जहाजों व विमानों के गायब होने का कोई लिखित ब्यौरा भी नहीं है। दर्ज किए गए ब्यौरे के अनुसार इस इलाके में 125 वायुयान और करीब 50 जहाज डूब चुके हैं।

आखिर कहां पर है बारमूडा



बरमूडा उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर मियामी (फ्लोरिडा) से सिर्फ 1770 किलोमीटर और हैलिफैक्स, नोवा स्कोटिया (कनाडा) के दक्षिण में 1350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सबसे पुराना और सबसे अधिक जनसंख्या वाला ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है।




0 comments:

Post a Comment