Saturday, May 1, 2010

वशीकरण का सबसे आसान तरीका

__470x3870_400बदलते परिवेश और मूल्यों में आज व्यावहारिक इंसान की पहचान ही बदल गई है। आदर्शों, नैतिक मर्यादायों और नियम कायदों पर चलने वाले इंसान को आज पिछड़ा हुआ तथा दकियानूसी स्वभाव का ठहरा दिया जाता है। वहीं मर्यादाहीन उच्क्षृंखल व आधार,संस्कृति हीन व्यक्ति को आधुनिक और मार्डन क ह कर नवाज़ा जाता है। नाइट क्लबों में जाना, मंहगी सराबें पीना आज प्रगतिशील होने की कसौटी मान लिया गया है। आधुनिक जीवनशैली की विभिन्न आदतों में हाथ मिलाने की प्रथा भी शुमार है। वैसे यह परंपरा पश्चिमी जीवनशैली से होते हुए पूर्व में फेली और पनपी है।

हाथ मिलाना आज शिष्टाचार का अंग यानि कि प्रतीक मान लिया गया है। किसी भी कामकाजी व्यक्ति को आज अधिकांश समय घर से बाहर गुजारना पड़ता है। दिनभर में उसकी सैकड़ों परिचितों से मुलाकात होती है। जिनमें से अधिकांश के विषय में बहुत कम और सतही जानकारी ही होती है। मनुष्य के शरीर में चेहरा और हथेलियां सर्वाधिक संवेदनशील अंग हैं। इंसान के व्यक्तित्व के अनुसार ही इन अंगों पर सकारात्मक अथवा नकारात्मक ऊर्जा का संग्रह रहता है। यदि किसी बुरे व्यक्तित्व या स्वभाव के व्यक्ति से आप हाथ मिलाते हैं, तो इससे आपके व्यक्तित्व पर निश्चित रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ता है। अत: शिष्टाचार के नाम पर हानि उठाने की बजाय हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अधिक शिष्ट कहलाएं।

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