Tuesday, July 6, 2010

मिलिये दुनिया की सबसे भाग्यशाली महिला से

अपनी किस्मत आजमाने के लिए अक्सर लोग लॉटरी का टिकट खरीदते हैं, लेकिन ज्यादातर को मायूसी ही हाथ लगती है। लेकिन अमेरिका में एक महिला पर किस्मत कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहती है।

63 वर्षीय जोआन गिन्थर दुनिया की सबसे भाग्यशाली लॉटरी विजेता हैं। वो 1993 से अब तक चार बार लॉटरी जीत करोड़ों डॉलर अपने नाम करा चुकी हैं। गिंथर ने पिछले हफ्ते ही एक स्क्रैच लॉटरी टिकट के जरिए 10 मिलियन डॉलर जीते हैं।

इससे पहले वो 1993 में 5.4 मिलियन डॉलर जीत चुकीं हैं। इसी तरह उन्होंने स्क्रैच टिकट के जरिए 2006 में 2 मिलियन डॉलर और 2008 में 3 मिलियन डॉलर जीते।

एबीसी न्यूज के अनुसार 63 वर्षीय ग्रिन्थर ने अपने तीन टिकट तो टेक्सास के एक ही स्टोर से खरीदे। हालांकि ग्रिन्थर मीडिया और पब्लिसीटि से दूर रहती हैं और उन्होंने अभी तक कोई भी इंटरव्यू नहीं दिया है।

दस साल से सिर्फ चिप्स खाकर जिन्दा है

एसैक्स की एक महिला पिछले दस साल से सिर्फ चिप्स खाकर जिन्दा है। ऐसा नहीं है कि डेबी टेलर नामक इस 30 वर्षीय महिला ने कोई दूसरा व्यंजन चखने की कोशिश नहीं की, दरअसल पौष्टिक खाना खाने से वह गंभीर रूप से बीमार पड़ जाती हैं।


इसके इतर चिप्स या स्नैक्स खाने पर इनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है। आमतौर पर चिप्स का अत्यधिक सेवन हमारी सेहत खराब कर सकता है लेकिन डेबी के शरीर को सिर्फ स्नैक्स ही रास आते हैं।


डेबी की मानें तो दूसरी चीज खाने पर उनकी तबियत बिगड़ने लगती है जबकि स्नैक्स खाने से वह सेहतमंद रहतीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से वह बीफ फ्लेवर्ड मांस्टर मंच खा रहीं हैं और उसके पहले आठ वषों तक उन्होंने वॉकर्स चिप्स के सहारे जिन्दगी गुजारी। डेबी ने बताया कि उनका ब्वॉयफ्रैंड गेराल्ड और बेटे ल्यूक ने उन्हें दूसरी चीजें खिलाने की बहुत कोशिश की मगर उनकी हर कोशिश नाकाम रही।

भूत की फिल्म देख मर गया दर्शक

न्यूजीलैंड में फिल्म देखने गया एक दर्शक सीट पर ही मृत पाया गया। ट्वीलाइट सागा-एक्लिप्स देखने गया यह दर्शक थिएटर में मृत मिला।

'द न्यूजीलैंड हैराल्ड' के मुताबिक पुलिस थिएटर में मौत के इस मामले को अनसुलझा मान रही है। हालांकि पुलिस मौत को संदेहस्पद नहीं देख रही है।

इस व्यक्ति का शव न्यूजीलैंड की राजधानी वैलिंग्टन के एक थिएटर से भूतहा फिल्म ट्विलाईट सागा एक्लिप्स खत्म होने के बाद स्थानीय समयानुसार रात साढ़े आठ बजे मिला था। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही उसकी मौत की वजह का खुलासा हो सकेगा।

पुलिस के मुताबिक यह व्यक्ति अपनी सीट पर आगे की ओर झुका मिला था। स्टाफ के सदस्यों ने पहले उसे सोता हुआ समझा लेकिन बाद में जांच करने पर उसे मृत पाया।

Wednesday, June 30, 2010

रफ्तार की रानियां

Speed of the queens
फर्राटे सेे गाडियां दौडाना अब महिलाओं को खूब रास आ रहा है। 19 वर्षीय अलीशा अब्दुल्ला ने जब जेके टायर नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में शिरकत की तो तमाम पुरूष प्रतिभागियों के बीच वह अकेली महिला थीं। कोयंबटूर में आयोजित हुई इस चैंपियनशिप में भाग लेते समय पहले तो अलीशा को पुरूष प्रतिभागियों के मजाक का शिकार होना पडा, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी 110 सीसी यामाहा क्रक्स दौडानी शुरू की तो लोगों ने दांतों तले अंगुलियां दबा लीं। अलीशा से प्रेरणा लेकर अब तमाम रफ्तार की रानियां ट्रैक पर उतर आई हैं और रफ्तार की सीमाएं तोडते हुए कामयाबी की नई इबारतें लिख रही हैं।

महिमा का जुनून
बाइक रेसिंग में उभरता सितारा हैं- महिमा निझाउनी का। महिमा का सफर 14 साल की उम्र में शुरू हो गया था। वे रॉयल बीस्ट की मेंबर हैं। रॉयल बीस्ट दिल्ली के रॉयल एनफ ील्ड बाइकर्स का समूह है। देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गो को नाप चुकी महिमा कई-कई दिनों तक रफ्तार के साथ बाइक ड्राइव कर सकती हैं। बाइक चलाने के अपने जुनून के चलते महिमा मनाली, राजस्थान, मुंबई, गोवा और ऊटी तक का सफर तय कर चुकी हैं। इसके अलावा महिमा अकेली ऎसी युवती हैं, जिन्होंने हिमालय की गोद में बसे लद्दाख के खारडंग ला और पनगोंग में 2002 में आयोजित मोटरसाइकिल एक्सपेंडीशन में हिस्सा लिया। मात्र तीन दिन में अपनी एनफील्ड बाइक से मुंबई से दिल्ली तक का 1400 किलोमीटर तक का सफर तय करने वाली भी महिमा अकेली महिला हैं। बाइक चलाने के अपने शौक को लेकर महिमा कहती हैं, 'कौन कहता है कि लडकियां भारी-भरकम बाइक नहीं चला सकतीं। यह सिर्फ लोगों की पिछडी सोच और मानसिकता है। इससे बाहर निकलते ही लडकियों का बाइक चलाना आम लगने लगता है।'

वर्तिका का बाइक स्टंट
वर्तिका पांडे रफ्तार की दुनिया की जानी-मानी हस्ती बन चुकी हैं। वह सिर्फ बाइकर ही नहीं, स्टंट बाइकर हैं। बाइक स्टंट करने वाली वह देश की पहली महिला हैं। वर्तिका कहती हैं, 'मैं तो इसका एक आसान-सा फार्मूला जानती हूं, 50 फीसदी पैशन और 50 फीसदी प्रैक्टिकल। इन दोनों को मिलाकर तैयार होता है एक अच्छा बाइकर।
फिर ये दोनों ही चीजें ऎसी नहीं कि महिलाएं इन्हें इस्तेमाल न कर सकें, तो भला बाइक स्टंट को पुरूषों का कार्यक्षेत्र कैसे माना जा सकता है' अपने पिता की पल्सर-150 लेकर सडकों पर फर्राटे से दौड लगाने वाली वर्तिका के जीवन का टर्निग पॉइंट भोपाल के स्टंट टे्रनर से मिलना रहा। उन्हें बाइक स्टंट के लिए प्रोत्साहित करने वाला ट्रेनर ही था और उसी ने वर्तिका को बाइक स्टंट एक खेल की तरह सिखाया। आज वर्तिका के लिए स्टंट बाइकिंग पेशा है, तो जुनून भी।

बुलट से मिलती है खुशी
गौरी लोकरे जब क्लास-4 में थीं, तभी उन्हें यह एहसास होने लगा था कि वह दूसरी लडकियों से अलग हैं। जिस उम्र में लडकियों को गुड्डे-गुडियों से खेलना और झूले झूलना पसंद आता है, गौरी उस उम्र में ही अपने चाचा की स्कूटी के साथ घंटों खेला करती थीं। कॉलेज पहुंचते ही गौरी के पास खुद की स्कूटी आ गई, लेकिन जैसी ही वह 18 साल की हुई, उसने अपने भाई की बुलट ले ली और यहीं से गौरी का बाइक रेसिंग का सफर शुरू हो गया। 2008 में आयोजित होने वाले राइडर मेनिया में हिस्सा लेने वाली अकेली युवती थीं। 60 लडकों के बीच में पुणे से हैदराबाद के बीच 400 किलोमीटर के फासले को तय करने वास्ते गौरी ने लगातार 14 घंटे बाइक चलाई। इसके बाद गौरी ने रेस में हिस्सा लेकर जीत अपने नाम की। रोड शेकर्स की सदस्य गौरी कहती हैं, 'आजादी के एहसास ने मुझे बाइक की तरफ खींचा। अपनी शानदार बुलट में जब मैं रफ्तार पकडती हूं तो चेहरे पर महसूस होने वाला तेज हवा का झोंका अलग ही खुशी देता है।'