Thursday, November 19, 2009

भारत क्यों पिछड़ गया ?

भारत वैदिक युग से [रिग-वेद१७००-१००० ईशा पूर्व ] से चन्द्र गुप्त विक्रमादित्य [सन ५०० ईशा बाद ] तक विश्व में वैज्ञानिक विचारों को दिया लेकिन बाद में क्या होगया ?
वैदिक गणित के रूप में सुल्बा-सूत्रों को विश्व के सामनें 800-200 BCE में दिया।
जैन-गणित उपलब्ध था 400 BCE में ।
200 BCE में वैशेशिका के माध्यम से कण-विज्ञानं दिया गया ।
200 BCE में पतंजलि अपनें योग-सूत्रों में बताया- मनुष्य के शरीर में हल्का विद्युत - क्षेत्र है जो की आधुनिक
विज्ञानं का एक अहम् सूत्र है।
पाणिनि जी 500 BCE में कुछ अति असाधारण गणितीय सूत्रों को दिया ।
आर्यभट 500 CE में अपने आर्यभाटिया में कोस्मोलोगिकल मॉडल के साथ कहा की पृथ्वी अपने केंद्र के चारों
तरफ घुमती है । आर्यभट गणित में पाईको स्पष्ट किया - अर्थात he explained the relation between circumference and the diameter of a circle as 3.1416 and said that pai is an irrational number. This concept was proved in1761 by Lambart.
आर्य भट्ट 23 वर्ष की उम्र में कई गणतीय बातें बतायी ।
सन 830 के आस-पास इनकी किताब को अरबी में अनुबाद किया गया जो धीरे-धीरे अरब से पश्चिम में पहुँच
गयी।
चन्द्रगुप्त मौर्य [322-298 BCE] में अर्थ शास्त्र विश्व का पहला अर्थ शास्त्र था और उस समय मुद्रा का चलन हुआ ।
वैशेशिका [200 BCE ] में एटम के सम्बन्ध में आइन्ताइन-बोहर सिद्धांत दिया गया है ।
यह सब होते हुए भी भारत क्यों पिछड़ गया ?
आप को सोचना चाहिए ।
=====ॐ=======

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